जवानों के साथ बर्बरता पर विपक्ष और सरकार मौन
एक 51 साल के सैनिक की पाकिस्तानी दानवों ने ऑंखें निकालीं, फिर करंट के झटके दिए गये और अंत में उनको गोलियों से छल्ली कर दिया गया ,
क्या ये सब तथ्य सुनकर एयर कंडीशन में सैनिकों के ही दम पर बैठने वाले नेताओं का दिल नहीं पसीजता ।
क्या सैनिक यूँ ही राजनीति की भेंट चढ़ते रहेंगे,
क्या उनके परिवार इसी तरह आंसू बहाते रहेंगे,
क्या देश के मंत्री केवल आश्वासन ही देते रहेंगे।
न जाने देश के जवान कब सुखद दिन प्राप्त कर पाएंगे,
क्योंकि हम केवल उनकी सफलता का श्रेय लेना चाहते हैं,
परंतु उनके दुखद समय में कोई उनके आंसू पोछने वाला नही है।
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